बाज़ार में उतार-चढ़ाव: सेंसेक्स 150 अंक चढ़ा, पर निवेशकों के एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूबे

By Gaurav Srivastava

Published on:

बाज़ार में उतार-चढ़ाव: सेंसेक्स 150 अंक चढ़ा, पर निवेशकों के एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूबे

नमस्कार! बहराइच न्यूज़ के बिज़नेस सेक्शन में आपका स्वागत है। इस सेक्शन में आपको मिलती है बिज़नेस की दुनिया की ताज़ा जानकारी।

आज हम बात करेंगे भारतीय शेयर बाज़ार की, जहाँ दिन भर भारी उतार-चढ़ाव का माहौल बना रहा और बड़े सूचकांक मामूली बढ़त पर बंद हुए, लेकिन छोटे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

भारतीय शेयर बाज़ार के लिए गुरुवार, 4 सितंबर का दिन बेहद मिला-जुला रहा। जहाँ एक ओर बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी 50 मामूली बढ़त के साथ हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहे, वहीं दूसरी ओर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई, जिससे निवेशकों को एक ही दिन में ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ।

बाज़ार की शुरुआत GST सुधारों की घोषणा से मिले सकारात्मक संकेतों के साथ हुई थी, लेकिन यह तेज़ी ज़्यादा देर तक टिक नहीं सकी। अमेरिकी टैरिफ की चिंता और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली (FII आउटफ्लो) के दबाव में बाज़ार अपनी शुरुआती बढ़त गँवा बैठा।

दिन का कारोबार खत्म होने पर, BSE का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 150 अंक (0.19%) की मामूली बढ़त के साथ 80,718 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, NSE का निफ्टी 50 सिर्फ 19 अंक (0.08%) चढ़कर 24,734.30 पर बंद हुआ। इसके विपरीत, BSE मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.60% की गिरावट दर्ज की गई।

इस बिकवाली के कारण BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले सत्र के ₹452.8 लाख करोड़ से घटकर ₹451.4 लाख करोड़ रह गया, यानी निवेशकों की संपत्ति में एक ही दिन में ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा की कमी आई।

बाज़ार में क्यों फीका पड़ा GST सुधारों का जादू?

बाज़ार विशेषज्ञों के अनुसार, GST सुधार अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम है, जिससे खपत बढ़ने और विकास दर में तेज़ी आने की उम्मीद है। हालांकि, इसका असर लंबी अवधि में दिखेगा और यह बाज़ार के लिए कोई तत्काल ट्रिगर नहीं है। GST दरों में कटौती का फायदा कंपनियों की कमाई में इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के बाद ही दिखना शुरू होगा।

फिलहाल बाज़ार का फोकस अमेरिकी टैरिफ और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली जैसी चिंताओं पर बना हुआ है, जिसके कारण बाज़ार में ‘बढ़त पर बिकवाली’ का ट्रेंड देखने को मिल रहा है।

किन सेक्टरों में रही तेज़ी और कहाँ हुई बिकवाली?

आज ज़्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स मुनाफावसूली के कारण लाल निशान में बंद हुए।

  • गिरने वाले सेक्टर: निफ्टी PSU बैंक (1.11%), ऑयल एंड गैस (0.96%), IT (0.94%), और रियल्टी (0.78%) में सबसे ज्यादा गिरावट रही।
  • चढ़ने वाले सेक्टर: खपत आधारित थीम के चलते निफ्टी ऑटो इंडेक्स में 0.85% की शानदार तेज़ी आई। इसके अलावा फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स भी 0.47% की बढ़त के साथ बंद हुआ।

निफ्टी 50 के टॉप गेनर्स और लूजर्स

सबसे ज्यादा चढ़ने वाले शेयर:

  1. महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M): 5.90%
  2. बजाज फाइनेंस: 4.10%
  3. अपोलो हॉस्पिटल्स: 2%

सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर:

  1. HDFC लाइफ इंश्योरेंस: -2.82%
  2. टाटा कंज्यूमर: -2.75%
  3. इंडसइंड बैंक: -1.71%

विशेषज्ञों की राय

विनोद नायर, रिसर्च हेड, जियोजित इन्वेस्टमेंट्स ने कहा, “एक अच्छी शुरुआत के बाद घरेलू बाज़ार लगभग सपाट बंद हुआ क्योंकि ऑटो, फाइनेंस और FMCG जैसे खपत वाले क्षेत्रों को छोड़कर हर जगह मुनाफावसूली हावी हो गई। GST को लेकर सकारात्मक माहौल पर अमेरिकी टैरिफ की चिंताओं ने नकारात्मक प्रभाव डाला।”

अजित मिश्रा, SVP- रिसर्च, रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के मुताबिक, “GST 2.0 सुधार खपत-आधारित रिकवरी को मज़बूत करते हैं, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं और FII की बिकवाली के कारण बाज़ार का व्यापक दृष्टिकोण कमजोर बना हुआ है।”

संक्षेप में, बाज़ार में अभी कुछ समय तक उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। निवेशकों को सावधानी बरतने और केवल मज़बूत फंडामेंटल वाले शेयरों में निवेश करने की सलाह दी जाती है।


Gaurav Srivastava

My name is Gaurav Srivastava, and I work as a content writer with a deep passion for writing. With over 4 years of blogging experience, I enjoy sharing knowledge that inspires others and helps them grow as successful bloggers. Through Bahraich News, my aim is to provide valuable information, motivate aspiring writers, and guide readers toward building a bright future in blogging.

Leave a Comment