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आज हम बात करेंगे भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर के प्रदर्शन की, जिसने वित्त वर्ष 2025 में शानदार वापसी की है। नए आंकड़े बताते हैं कि देश का ऑटो सेक्टर एक बार फिर तेज़ी से ग्रोथ की पटरी पर लौट आया है, और इस ग्रोथ का इंजन एक बार फिर दोपहिया वाहन बने हैं।
भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार ने कोरोना महामारी के बाद आई सुस्ती को पीछे छोड़ते हुए वित्त वर्ष 2025 में बिक्री के शानदार आंकड़े दर्ज किए हैं। जारी किए गए नए डेटा के अनुसार, भारत में कुल घरेलू ऑटोमोबाइल की बिक्री 2.56 करोड़ (25.61 मिलियन) यूनिट्स को पार कर गई है। इस शानदार प्रदर्शन के पीछे सबसे बड़ा हाथ दोपहिया यानी टू-व्हीलर सेगमेंट का रहा है, जिसने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर बाज़ार क्यों है।
क्या कहते हैं आंकड़े? (चार्ट का विश्लेषण)
ऊपर दिए गए चार्ट पर नजर डालें तो भारतीय ऑटो बाज़ार की पूरी कहानी साफ हो जाती है।
- वित्त वर्ष 2025 का प्रदर्शन: इस साल कुल 2.56 करोड़ वाहन बिके। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा दोपहिया वाहनों (नीला हिस्सा) का रहा, जिनकी करीब 1.96 करोड़ (19.61 मिलियन) यूनिट्स की बिक्री हुई। इसके बाद पैसेंजर वाहनों (कार, SUV), कमर्शियल वाहनों और तिपहिया वाहनों का नंबर आता है।
- महामारी का असर और वापसी: चार्ट में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि वित्त वर्ष 2020 से 2022 के बीच बिक्री में बड़ी गिरावट आई थी। वित्त वर्ष 2022 में बिक्री घटकर केवल 1.75 करोड़ (17.52 मिलियन) यूनिट्स रह गई थी, जो पिछले एक दशक का सबसे निचला स्तर था। हालांकि, इसके बाद बाज़ार ने शानदार वापसी की और बिक्री लगातार बढ़ रही है।
- अब तक का उच्चतम स्तर: भारतीय ऑटो सेक्टर ने अपनी सबसे बेहतरीन बिक्री वित्त वर्ष 2019 में दर्ज की थी, जब कुल 2.62 करोड़ (26.28 मिलियन) वाहन बिके थे। मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि बाज़ार एक बार फिर उस शिखर की ओर बढ़ रहा है।
हीरो मोटोकॉर्प का दबदबा
जब बात भारत के टू-व्हीलर सेगमेंट की होती है, तो हीरो मोटोकॉर्प (Hero MotoCorp) का नाम सबसे ऊपर आता है। हीरो मोटोकॉर्प न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में टू-व्हीलर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है और भारतीय बाज़ार में इसकी हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। कंपनी अब इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक के निर्माण पर भी तेजी से काम कर रही है।
इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य और सरकार की भूमिका
भारत सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को तेजी से बढ़ावा दे रही है और उसका लक्ष्य सड़कों पर मौजूद एक बड़े हिस्से को इलेक्ट्रिक में बदलना है। हालांकि, वाहन निर्माताओं ने सरकार से इस लक्ष्य को और अधिक ‘यथार्थवादी’ बनाने का आग्रह किया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे बड़ी चुनौती बैटरी की ऊंची कीमत होती है। इसे कम करने के लिए, भारत सरकार ने 2022 में ‘नेशनल प्रोग्राम ऑन एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC)’ नाम की एक योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य देश में ही बैटरी निर्माण को बढ़ावा देना है, ताकि उनकी लागत कम हो सके।
आने वाले कुछ वर्षों में भारत के टू-व्हीलर उद्योग के 9% से अधिक की दर से बढ़ने का अनुमान है। ऐसे में स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ता निवेश और सरकार की नीतियां इस ग्रोथ को और गति दे सकती हैं।






