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इंसानों और जानवरों के बीच वफादारी और स्नेह के किस्से हमने कई बार सुने हैं, लेकिन बहराइच में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने इस रिश्ते को एक नई मिसाल दी है। यहाँ एक पालतू गाय अपनी जान पर खेलकर अपने मालिक की रक्षा के लिए ढाल बन गई। यह कहानी जितनी हैरान करने वाली है, उतनी ही भावुक भी है, जिसमें एक पारिवारिक कलह, एक बेजुबान जानवर की स्वामीभक्ति और दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों का ताना-बाना बुना हुआ है। आइए जानते हैं इस पूरी घटना के बारे में।
बहराइच में पति-पत्नी के झगड़े में कूदी गाय, मालिक को बचाने के लिए मालकिन को किया घायल
बहराइच के फखरपुर थाना क्षेत्र से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो सुनने में किसी फिल्मी कहानी जैसी लगती है, लेकिन है सौ फीसदी सच। सेमरी टेडवा महंत गांव में एक पालतू गाय ने अपने मालिक को बचाने के लिए अपनी ही मालकिन पर हमला कर दिया। इस त्रिकोणीय संघर्ष में पति-पत्नी दोनों घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
क्या है पूरा मामला?
घटना शुक्रवार की है। सेमरी टेडवा महंत गांव के रहने वाले 45 वर्षीय दुखीराम अपनी पालतू गाय को चराने के लिए घर से निकल रहे थे। इसी दौरान, उनकी पत्नी लल्ली ने अचानक उन पर किसी बात को लेकर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि लल्ली मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं और अक्सर उनका व्यवहार अप्रत्याशित हो जाता है।
जब मालिक की ढाल बनी वफादार गाय
अपने मालिक दुखीराम को खतरे में देखकर उनकी पालतू गाय से रहा नहीं गया। वह तुरंत अपने मालिक की रक्षा के लिए आगे आई और उसने मालकिन लल्ली पर हमला कर दिया ताकि वह दुखीराम से दूर हट जाएं। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम में, जब दुखीराम ने अपनी पत्नी को गाय के हमले से बचाने का प्रयास किया, तो वह भी गाय की चपेट में आ गए। गाय के हमले में पति और पत्नी दोनों को चोटें आईं।
अस्पताल में भर्ती हैं दंपति
शोरगुल सुनकर परिवार के अन्य सदस्य और पड़ोसी मौके पर पहुंचे और किसी तरह हालात पर काबू पाया। परिजनों ने घायल दंपति को तुरंत एंबुलेंस की मदद से पहले पास के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद, डॉक्टरों ने दोनों की हालत को देखते हुए उन्हें बहराइच मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में तैनात डॉ. आशीष वर्मा ने बताया कि दोनों घायलों का इलाज किया जा रहा है और उनकी देखभाल की जा रही है।
“चाचा को बहुत मानती है गाय”
घायल दुखीराम के भतीजे लच्छी राम ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनकी चाची (लल्ली) की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और वह अक्सर इस तरह का व्यवहार करती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यह गाय उनके चाचा दुखीराम को बहुत मानती है और एक पल के लिए भी उनसे अलग नहीं होती। वह हमेशा एक परछाई की तरह उनके साथ रहती है। शायद यही वजह थी कि जब उसने अपने मालिक को पिटते हुए देखा, तो वह अपनी वफादारी दिखाने से खुद को रोक नहीं सकी।
यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग गाय की स्वामीभक्ति की प्रशंसा कर रहे हैं, तो वहीं परिवार की इस दुखद स्थिति पर संवेदना भी व्यक्त कर रहे हैं।






