अक्टूबर 2025 में सोने का भाव ₹1.22 लाख तक? जानें विशेषज्ञों की ताजा भविष्यवाणी और दिवाली पर रणनीति

By Gaurav Srivastava

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आज हम किसी नई कार या गैजेट की नहीं, बल्कि एक ऐसे विषय पर चर्चा करेंगे जो हर भारतीय परिवार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है – सोने का भाव। भारतीय संस्कृति में सोने का विशेष स्थान है; यह सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि धन और समृद्धि का प्रतीक है। हर त्यौहार, शादी और खास मौके पर सोने की खरीदारी हमारी परंपरा का हिस्सा है। खासकर दिवाली जैसे बड़े त्यौहार पर इसकी मांग बहुत बढ़ जाती है। पिछले कुछ समय से सोने का भाव 2025 में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, जिसने निवेशकों और आम जनता दोनों को आकर्षित किया है। कई लोग जानना चाहते हैं कि आने वाले समय में, खासकर **अक्टूबर में सोने की कीमत** क्या रहने वाली है। क्या इस दिवाली पर सोने में निवेश करना अच्छा विकल्प होगा? आइए, सोने की भविष्यवाणी विशेषज्ञ क्या कहते हैं, इस पर विस्तृत नज़र डालते हैं।

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों की बदलती मौद्रिक नीतियां सोने के मूल्यों को सीधे प्रभावित कर रही हैं। ऐसे में, आने वाले समय के लिए इसकी कीमतों का अनुमान लगाना बेहद दिलचस्प हो जाता है। विशेष रूप से अक्टूबर 2025 में सोने का भाव क्या होगा और दिवाली तक यह किस स्तर पर पहुंच सकता है, इस पर गहरी चर्चा हो रही है। क्या यह वास्तव में ₹1.22 लाख प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को छू सकता है, जैसा कि कुछ विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं? हम आपको इस संबंध में नवीनतम आंकड़े, विशेषज्ञ विश्लेषण और निवेश की अहम रणनीतियाँ प्रदान करेंगे।

सोने की वर्तमान स्थिति और हालिया प्रदर्शन

अक्टूबर 2025 की शुरुआत सोने के लिए काफी मजबूत रही है। 6 अक्टूबर, 2025 तक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव लगभग 3,940.56 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर कारोबार कर रहा है। यह पिछले दिनों में लगभग 1.39% और महीने भर में लगभग 8.39% की ठोस मासिक वृद्धि दर्शाता है।

अक्टूबर 2025 में सोने का वैश्विक प्रदर्शन

पिछले एक साल में, सोने की कीमत में लगभग 49.10% की भारी उछाल देखी गई है। यह अक्टूबर 2025 तक एक मजबूत तेजी के रुझान को रेखांकित करता है। अक्टूबर 2025 की शुरुआत में सोने ने 3,944.82 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू लिया था। यह सोने की बढ़ती मांग और निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।

भारतीय बाजार में सोने की कीमत

भारत में भी सोने का बाजार वैश्विक रुझानों के अनुरूप ही चला है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि का सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ता है। रुपये-डॉलर विनिमय दर और स्थानीय मांग भी कीमत को प्रभावित करते हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी तेजी को देखते हुए, भारतीय बाजार में भी अक्टूबर 2025 में सोने की कीमत में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिल सकती है।

विशेषज्ञों की भविष्यवाणियां: अक्टूबर 2025 और चौथी तिमाही

अग्रणी वित्तीय संस्थानों ने अक्टूबर और 2025 की चौथी तिमाही के लिए सोने के भाव के लिए अलग-अलग, लेकिन आमतौर पर तेजी वाले पूर्वानुमान दिए हैं। इन पूर्वानुमानों से निवेशकों को आगे की रणनीति बनाने में मदद मिलती है।

विभिन्न वित्तीय संस्थानों के अनुमान

  • HSBC: 2025 की चौथी तिमाही में सोने का भाव 4,000 डॉलर से ऊपर रह सकता है। केंद्रीय बैंकों की खरीद और भू-राजनीतिक जोखिम प्रमुख कारण हैं।
  • गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs): 3,750 डॉलर से 4,100 डॉलर प्रति औंस के बीच। बाजार की अनिश्चितता कीमतों को मजबूत करती है।
  • बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America): 3,800 डॉलर से 4,000 डॉलर के बीच। संस्थागत निवेशकों से मजबूत मांग एक प्रमुख कारक है।
  • जे.पी. मॉर्गन (JP Morgan): 3,500 डॉलर से 3,800 डॉलर के बीच। मौद्रिक नीति समायोजन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

भारतीय बाजार के लिए विशेष अनुमान

भारतीय बाजार के विशेषज्ञों का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने का भाव 2025 में अक्टूबर के मध्य से अंत तक (दिवाली के आसपास) 3,950 डॉलर से 4,000 डॉलर तक पहुंच सकता है। स्थानीय स्तर पर, यह सोने की कीमत ₹1.22 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है। दिवाली की त्योहारी मांग और वैश्विक अनिश्चितताएं इस उछाल का समर्थन करेंगी इस रिपोर्ट के अनुसार।

सोने की कीमत में उछाल के मुख्य कारण

सोने की कीमतों में मौजूदा तेजी के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं।

मौद्रिक नीति में बदलाव

बाजार में 97% संभावना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अक्टूबर में 25 आधार अंकों की दर में कटौती करेगा। ऐसी नीतिगत ढील वास्तविक पैदावार को कम करती है, जिससे सोने की मांग बढ़ती है। उदाहरण के लिए, बैंक जमा पर कम ब्याज मिलने पर लोग सोने में निवेश पसंद करते हैं।

भू-राजनीतिक अस्थिरता

विश्व स्तर पर जारी भू-राजनीतिक तनाव निवेशकों को सुरक्षित ठिकाने के रूप में सोने की ओर धकेल रहा है। युद्ध, व्यापार युद्ध और राजनीतिक अस्थिरता के समय सोना एक विश्वसनीय संपत्ति बन जाता है, क्योंकि निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना चाहते हैं।

महंगाई और मुद्रा में उतार-चढ़ाव

लगातार बढ़ती महंगाई की चिंताएं और अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव सोने के भाव की अपील को बढ़ाते हैं। जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो मुद्राओं की क्रय शक्ति घट जाती है, जबकि सोना अपनी क्रय शक्ति बनाए रखने में मदद करता है।

केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीद

सरकारी धन कोष और पेंशन फंडों द्वारा सोने की बढ़ती खरीद कीमतों पर ऊपर की ओर दबाव डालती रहती है इस विश्लेषण के अनुसार। कई देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार को विविधता प्रदान करने के लिए सोना खरीद रहे हैं, जिससे बाजार में आपूर्ति कम होती और कीमत बढ़ती है।

भारत और चीन से मांग

भारत में त्योहारी सीजन (दिवाली) और चीन से निरंतर मांग भौतिक सोने की मजबूत खरीदारी बनाए रखती है। यह मांग सोने की कीमत का समर्थन करती है। भारतीय घरों में सोना निवेश और सांस्कृतिक महत्व दोनों रखता है, जबकि चीन भी सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।

बाजार में अस्थिरता और निवेशकों की रणनीति

विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अक्टूबर में सोने की कीमतें अस्थिर रह सकती हैं, जो मुद्रास्फीति, ब्याज दर के निर्णयों और इक्विटी बाजार की गतिविधियों से प्रभावित होंगी।

अल्पकालिक उतार-चढ़ाव

बाजार में किसी भी बड़ी खबर या आर्थिक डेटा के जारी होने पर सोने का भाव 2025 में तेजी से ऊपर या नीचे जा सकता है। यह अल्पकालिक निवेशकों के लिए जोखिम पैदा करता है। फेडरल रिजर्व का कोई अप्रत्याशित बयान कीमतों में अचानक बदलाव ला सकता है।

‘बढ़ने पर बेचो’ की रणनीति

कुछ विशेषज्ञों द्वारा ‘बढ़ने पर बेचो’ (sell on rise) दृष्टिकोण की सिफारिश की जाती है। इसका कारण मजबूत तेजी के बाद संभावित अल्पकालिक सुधार हैं। इस रणनीति में, निवेशक कीमत बढ़ने पर बेचते हैं, और गिरने पर वापस खरीदने का इंतजार करते हैं।

मध्यम और दीर्घकालिक दृष्टिकोण (2026 और उससे आगे)

सोने के लिए मध्यम और दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है, जिसमें तेजी जारी रहने की उम्मीद है।

अगले 12 महीनों के लिए अनुमान

अनुमान है कि अक्टूबर 2025 से 12 महीनों के भीतर सोना 4,111.97 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस तक पहुंच सकता है। यह संरचनात्मक मैक्रोइकॉनॉमिक कारकों द्वारा संचालित होगा। ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स के आंकड़ों से भी यह अनुमान लगाया जा सकता है।

2026 और उसके बाद की संभावनाएं

कई संस्थान 2026 में 4,200 डॉलर से 4,500 डॉलर की सीमा में एक नया सर्वकालिक उच्च स्तर की उम्मीद करते हैं। वे निरंतर राजकोषीय प्रोत्साहन, मुद्रास्फीति की चिंताओं और सुरक्षित-ठिकाने की मांग का हवाला देते हैं। उच्च मूल्य स्तरों के अनुकूल होने के लिए आवधिक समेकन चरणों की उम्मीद है।

प्रमुख आँकड़ों का सारांश

यहां अक्टूबर 6, 2025 तक के नवीनतम आँकड़ों का एक सारांश दिया गया है:

  • वर्तमान सोने का भाव: $3,940.56 प्रति ट्रॉय औंस।
  • मासिक मूल्य वृद्धि: ~8.39%।
  • वार्षिक मूल्य वृद्धि: ~49.10%।
  • अक्टूबर अपेक्षित मूल्य सीमा: $3,950 – $4,000 (मध्य से देर अक्टूबर तक)।
  • एक साल आगे का मूल्य अनुमान: ~$4,111.97।
  • सर्वकालिक उच्च मूल्य: $3,944.82 (अक्टूबर 2025 में)।

निवेशकों के लिए फायदे और नुकसान

सोने में निवेश करने से पहले, इसके फायदे और नुकसान दोनों को समझना महत्वपूर्ण है।

फायदे (Pros) नुकसान (Cons)
सुरक्षित निवेश: आर्थिक और भू-राजनीतिक अस्थिरता में पूंजी की सुरक्षा। अल्पकालिक अस्थिरता: बाजार की खबरों से कीमतें तेजी से बदल सकती हैं।
महंगाई से बचाव: बढ़ती मुद्रास्फीति में क्रय शक्ति बनाए रखने में मदद। ‘बढ़ने पर बेचो’ रणनीति: सक्रिय निगरानी और ट्रेडिंग की आवश्यकता।
केंद्रीय बैंकों की खरीद: सरकारी स्तर पर बढ़ती मांग से कीमतों को सहारा। ब्याज आय का अभाव: सोने पर स्टॉक या बांड की तरह कोई ब्याज या लाभांश नहीं।
त्योहारी मांग: भारत जैसे देशों में मजबूत भौतिक मांग से बाजार को समर्थन। भंडारण लागत: भौतिक सोने को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर या बीमा की आवश्यकता।

निष्कर्ष

अक्टूबर 2025 में सोने का भाव एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। विशेषज्ञों की भविष्यवाणियां और हालिया बाजार प्रदर्शन एक मजबूत तेजी के रुझान की ओर इशारा करते हैं। वैश्विक मौद्रिक नीतियों में ढील, भू-राजनीतिक तनाव, बढ़ती महंगाई और केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीद सोने की कीमत को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। भारतीय बाजार में दिवाली जैसे बड़े त्योहारों की मांग इसे और गति दे सकती है, जिससे सोने का भाव 2025 में ₹1.22 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।

हालांकि, निवेशकों को बाजार की अस्थिरता के प्रति सचेत रहना चाहिए। ‘बढ़ने पर बेचो’ की रणनीति अल्पकालिक व्यापारियों के लिए उचित हो सकती है। दीर्घकालिक निवेशकों के लिए, सोना अभी भी एक आकर्षक विकल्प है, जिसमें 2026 और उसके बाद भी वृद्धि की उम्मीद है। निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति और जोखिम सहनशीलता का मूल्यांकन करें। किसी भी निवेश निर्णय से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: अक्टूबर 2025 में सोने का भाव कितना रह सकता है?

अक्टूबर 2025 में सोने की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,950-4,000 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस रहने का अनुमान है। भारतीय बाजार में यह ₹1.22 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। यह अनुमान भू-राजनीतिक अस्थिरता, मौद्रिक नीतियों और त्योहारी मांग जैसे कारकों पर आधारित है। विशेषज्ञों के अनुसार, दिवाली तक इसमें और तेजी देखी जा सकती है।

प्रश्न 2: सोने की कीमत में इतनी बड़ी उछाल क्यों आ रही है?

सोने का भाव 2025 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित ब्याज दर में कटौती, बढ़ती वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति की चिंताएं और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की लगातार खरीद जैसे कई कारणों से बढ़ रहा है। भारत और चीन जैसे देशों से त्योहारी मांग भी कीमतों को ऊपर धकेलने में मदद कर रही है।

प्रश्न 3: क्या दिवाली 2025 पर सोने में निवेश करना एक अच्छा विकल्प है?

दिवाली पर सोने में निवेश करना कई भारतीय परिवारों के लिए परंपरा है। विशेषज्ञों की भविष्यवाणियां बताती हैं कि अक्टूबर में सोने की कीमत में तेजी जारी रह सकती है, जिससे यह निवेश के लिए एक आकर्षक विकल्प है। हालांकि, अल्पकालिक अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए, दीर्घकालिक दृष्टिकोण वाले निवेशकों के लिए यह अधिक फायदेमंद हो सकता है।

प्रश्न 4: सोने के निवेशकों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

सोने के निवेशकों को बाजार की अस्थिरता, भू-राजनीतिक घटनाओं, ब्याज दर में कटौती की संभावना और मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर नजर रखनी चाहिए। अल्पकालिक व्यापारियों के लिए ‘बढ़ने पर बेचो’ की रणनीति सहायक हो सकती है। हमेशा अपनी जोखिम क्षमता का मूल्यांकन करें और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।

Gaurav Srivastava

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